खिलते होठों से महेंकती मुस्कानें लिख दे
आंखों से दिल में उतरे कुछ तराने लिख दे
आंखे तो आइना है दिल का
नोक से दिल की दिलकश फसाने लिख दे
यासिर होतें है इस जहां के सदमे
पलको पे परिजाद पैमाने लिख दे
दर्दे दिल लिखतें रहेते है लोग अकसर
खुशीयों के तु खुशनुमा खजाने लिख दे
कांटो के भी है आशिक, बांकपने आलम
फिजाओं पे फिदा दिवाने लिख दे
नाम पे मरती है दुनिया सारी
शेरे मकता अंजुमन अंजाने लिख दे
-श्याम शून्यमनस्क
ता- १०/०२/११
यासिर= थोडा ,कम ઓછું लीटल
सदमे= दुख ,गम (सेडनेस)
परिजाद= खुशनुमा, सुंदर lovely, pretty
पैमाने = वादा , प्रोमिस
बांकपन = smartness , चतुराइ
अंजुमन = सोसायटी